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शुक्रवार, 16 जुलाई 2010

ये ब्लॉग क्यों

ये ब्लॉग कोई विषय पर केंद्रित करके नहीं बना रहा हूँ। बस लिख रहा हूँ। ये भी नहीं मालूम किसलिए लिख रहा हूँ हाँ पर एक बात मेरे दिमाग मे है वो ये की बात करने से रात और दिन दोनों हल होती है मतलब आगे का रास्ता प्रसस्थ होता है


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